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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह Arinaruwanrammar दे श नोक (१) श्री संभवनाथजी का मन्दिर (आंचलियों का वास) पाषाण प्रतिमादि लेखाः ( २२१२ ) शिलापट्ट पर ॥ श्री सिद्धचक्राय नमः श्री करणीजी महाराज ॥ सं० १८।६१ मिती माघ सुदि पंचम्यां चन्द्रे श्री देशनोक श्रीसंघेन श्री पार्श्वनाथ देवगृह कारितं प्रतिष्ठापितम् महाराजाधिराज श्री सूरतसिंह जी विजयिराज्ये वृहत्खरतर गच्छाधीश्वर । भट्टारक। श्री जिनचन्द्रसूरि पट्टालंकार भ० श्री जिनहर्षसूरि धर्मराज्ये प्रतिष्ठिता च उ० श्री क्षमाकल्याण गणिभिः वा० श्रीकुशलकल्याण गणिनामुपदेशात् चैत्यमिदं समजनि श्रीरस्तुसर्वेषां वा० श्रीलालचन्देन उद्यम कारक । ( २२१३ ) श्री संभवनाथजी सं० १८६० मिते वैसाख सुदि ७ गुरौ बाफणा गोत्रीय । सा । गौड़ीदास लघुपुत्र परमानंदेन श्री संभव जिन बिंब कारितं प्रतिष्ठितं च भ । श्री जिनहर्षसूरिभिः ( २२१४ ) संवत् १५८२ वर्षे माह सुदि ५ श्री मूल संघ ( ? ) भ' 'अ'च सूरि...ओसवालान्वये भावड़ा गोत्रे सा० लोढा रतना भार्याह ......... ( २२१५) दादा साहब के चरणों पर श्री जिनदत्तसूरि । श्री जिनकुशलसूरि ॥ ( २२१६ ) चरणों पर सं० १८६१ मिते माघ सुदि पंचम्यां चन्द्र....... चरण न्यासः कारितं वा । कुशलकल्याण गणिना का । "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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