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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह साध्वियों की चरणपादुकाओं के लेख ( २११८ ) २६२ सीजी श्री श्री १००८ मुन श्रीजी महाराज २११६ सं० १६३३ रा मि० आषा । सुदि ७ संवेगी लक्ष्मी श्री पृष्टे शि० नवलक्षीचरणस्थापना का० ( २१२० ) सं० १६५१ शाके १८१६ मिते माघ शुक्ल पंचम्यां गुरुवारे आर्या नवलभीणां चरणन्यासः शिवणी आर्या यतनश्री प्रतिष्ठापित श्रीरस्तुः ( २१२१ ) सं० १६४८ रा मिती माघ शुद्ध ५ बुधवासरे आर्या श्रीरतनश्री कस्यचरण पादुका कारापित प्रार्याज वनश्रीया शुभं । ( २१२२ ) श्रीमती गुरुणीजी महाराज विवेकश्रीजी महाराज सं० १९७४ श्रावण वद ( २१२३ ) सं० १६८१ मिती फाल्गुन कृष्णपक्ष तिथौ ११ बार गुरुवार दिने साध्वी श्री जतनभीजी का पादुका कारिता समस्त श्रीसंघेन बीकानेर " 'श्रीरस्तु शुभं सं० १६७५ साल तोतरका बार सोमवार (१) ( २१२४ ) सं० १६८१ मिती फाल्गुनमासे कृ० पक्षे तिथौ वार दिने साध्वीजी श्रीजयवंत भोजी का पादुका सा० श्रीमदनचंदजी किशनचंदजी भुगड़ी कारापिता श्री ( २१२५ ) ॐ श्रीमती साध्वीजी उमेदश्रीजी के स्वर्गवास सं० १९८८ का बैशाख बदि ७ बार बृहस्पति को हुआ उसकी चरणपादुका ( २१२६ ) सं० १६७० रा मिसी माह कृ० ३ बार विस्पतबार साध्वीश्रमश्री जी महाराज रा चरण पराया है। ( २१२७ सं० १९७५ ० ० १ गीवायां चमणजी अभुजो कस्तुराजी रामी इयं पातुका ३ अंदर रामी बाहर शुभं । "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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