SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 389
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री विमलनाथ जी का मन्दिर कोचरों का चौक पाषाण प्रतिमादि लेख संग्रह || ॐ विमलनाथाय । १ संवत् १६६४ मि० माघ शुक्ला १३ शनौ पंचा२ शुद्धौ सकल पंडित शिरोमणि भट्टार३ क श्री विजयमुनिचन्द्रसूरि तपा गच्छ सु४ श्रावक कोचर समस्त पूज्यकानां बीकाने५ र नगरे पं० पू० मू० विमलनाथस्य प्रतिष्ठा कोर६ र मनरूपसोतात्मज माणकचंद जी तस्या. त्मज मासकरण जी तत्पुत्र अमीचंद ह८ जारीमल कारितं ।। मूलनायक श्रीविमलनाथ जी १ ॥६० ॥ सं० १९२१ ना वर्षे शाके १७८६ प्रवर्तमाने शुभकारी माघ मासे शुक्ल पक्षे दिने गुरुवारे श्री राजनगर वास्तव्य । २ ॥ ओसवाल ज्ञाती वृद्ध शाखाया सेठ श्रीखुशालचंद तत्पुत्र सा० वखतचंद तत्पुत्र सा. हेमाभाई तत्पुत्र सा० खेमाभाई ।। स्वश्रेयोथं ।। श्री विमलनाथ जी जिन विधं कारापितं । श्री तपागच्छ भ। श्री शान्तिसागरसूरि प्रतिष्ठितं ॥ श्रीरस्तुः ।। सं० १६१२ वर्षे मिगस (र) वदि ५ बुधवार यंत्र मिदं (१) बाई जड़ावकंवर कारा झवरचंद्राभ्यां कारापितं उपकेश गच्छे भ० देवगुप्तसूरीणां प्रतिष्ठितं च तत् चिरं तिष्ठतु श्रीश्रेयांसनाथस्य श्रीबीकानेर में ... "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy