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________________ श्री ऋषभदेव जी के मन्दिर, नाहटों की गुवाड़ के अन्तर्गत श्री पार्श्वनाथ जी का मन्दिर पाषाण प्रतिमाओं के लेख ( १४८६ ) मूलनायक श्री पार्श्वनाथ जी स० १५४५ वर्षे आषाढ सुदि ५ गुरौ श्री पार्श्व जिन बिंबं प्रतिष्ठि ( १४६० ) मूलनायक जी के नीचे शिलापट्ट पर सं० १८२६ वर्षे शाके १६६४ प्रवर्त्तमाने आषाढ़ मासे शुक्ल पक्षे ६ गुरुवासरे स्वात araft नक्षत्रे स्थिते चन्द्र ओस वंशे वेगवाणी गोत्रे सा० श्री अमीचंद जी तस्यात्मज साह श्री वीभाराम जी तस्य भार्या चित्ररंग देव्या मूलताण वास्तव्य भणसाली श्रा ताह ( ? ) चोथमल जी तस्य पुत्री बाई वनीकेन करापितं श्री गौड़ी पार्श्वनाथ बिंबं प्रतिष्ठितं खरतर गच्छाधीश्वर भ० श्री जिनलाभसूरिभिः ।। श्री रस्तुः सं० २५४६ वर्षे वैशाख सुदि ३ ( १४६१ ) ( १४६२ ) श्री खरतर गच्छे दिल्लीपति अक बर साहि दस युगप्रधान विरुदैः साहि दत्ताषाडीयाष्टान्हिकामारि स्तंभतीर्थीय जलचर रक्षण संजात यशः प्रक...... श्री जिनमाणिक्यसूरि पट्टे युग प्रधान श्री जिनचन्द्रसूरिभिः । वा० पुण्यप्रधानो नोति ॥ ( १४६३ ) श्री खरतर गच्छे श्री जिनमाणिक्यसूरि पट्टे युगप्रधान श्री जिनचन्द्रसूरिभिः । सं० १६६२ वर्षे चैत्र aft ७ दिने दरड़ा अचला भार्या अबला श्राविकया पु० केसा "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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