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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह १६७ (१४६६) सं० १७५६ वर्षे श्रावण बदि ५ दिने शुक्रवारे वृहत्खरतर गच्छे भ० श्री जिनचंद्रसूरि जी शिष्य उपाध्याय श्री उदय तिलक जी गणीनां देवंगत पहुंता पालीमध्ये । (१४७०) सं० १७५४ वर्षे आषाढ़ मासे कृष्ण पक्षे दशमी तिथौ शुक्रवारे वाचक श्री विजयहर्ष गणीनां पादुके स्थापिते श्री (१४७१) सं० १७७५ 40 श्री साध्वी राजसिद्धि गणिनी पादुके कारिते श्व षण ( ? ) श्राषिकाभिः श्रा दी क म र मा......... (१) ( १४७२) श्री सीमंधरस्वामी की मूर्ति पर __ सं० १६८६ वर्षे चैत्र वदि ४ जयमा श्रा० का० श्री सीमंधर स्वामी प्रतिमा प्र० खरतर गच्छे श्री जिनराजसूरि राज.........। धातुप्र-तिमाओं के लेख (१४७३ ) श्री संभवनाथ जी सं० १४८७ मार्गशीर्ष वदि १० शुक्र उपकेश झाति । मूरुया गोत्रे सा० पेथड़ भा० सरसो पु० पाल्हा थेल्हा ऊसा तोलाकै पित्रोः श्रे० श्री संभव बिंबं का०प्र० श्री उपकेश गच्छे श्री ककुदाचार्य संताने श्री सिद्धसूरिभिः ।। (१४७४ ) श्री संभवनाथ जी सं० १५३६ वर्षे फागुण सुदि ५ दिने श्री उकेश वंशे गणधर चोपड़ा गोत्रे सा० शिवा पुत्र सा० लूणा भार्या लुणादे पुत्र ठाकुरकेन भार्या धाती पुत्र कुंभा लूभादि युतेन श्री संभवनाथ बियं का० प्र० श्री खरतर गच्छे श्री जिनभद्रसूरि पट्टे श्री जिनचंद्रसूरिभिः श्री जेसलमेरु ( १४७५) श्री महावीर स्वामी सं० १४१४ वर्षे चैत्र सुदि ११ शुक्रे प्रश्वाट ज्ञाति वि वीरम भार्या सुहागदे त्रा० वीरपालान (१) जयतल श्रेयोथं सुत नरसिंहेन श्री महावीर बिंब श्री हर्षतिलकसूरीणा मु । पदे ते स कारितं "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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