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________________ १६८ बीकानेर जैन लेख संग्रह (१२८८ ) धातु के यंत्र पर २० १८२० रा वर्ष शाके १६८८ ( १५ } प्रवर्त्तमाने मासोत्तम मासे शुक्ल पक्षे माह मास पंचमी तिथौ भोमवासरे सुश्राविका गुलाल बाई प्रतिष्ठितं उद्यापने ! ( १२८६ ) दुरितारि विजय यंत्र पर __ सं० ५८७६ मि । चै। सु ! १५ दिने पं० ज्ञानानंद मुनि प्रतिष्ठितं ।। श्री दुरितारि विजय यंत्रोयं अपर नाम सर्वतोभद्र ! वेद मु० हुकमचंदकस्य सदा कल्याण सुखकारको भूयात् श्री इन्दोर नगरे। पं० महिमाभक्ति मुनि लिखितं श्री रस्तु लेखक पूजकयोः ।। पपाण प्रतिमा केखः ( १२६० ) ___ संखेश्वर पार्श्वनाथजी बुधे श्री बीकानेर श्री शंखेवर ... .प्रतिष्ठितं च...... मूल मन्दिर से निकलते दाहिनी और देहरी में धातु प्रतिमाओं के लेख . (१२६१) श्री पार्श्वनाथजी (A) ॥ संवत् १५२७ वर्षे बैशाख बदि ११ बुधे श्री मूलसंघे भ० श्री सकल कीर्तिस्तत्प० भ० श्री भुवनकीर्ति उपदेशात ह० बुध गोत्रे व्य० माहव भार्या झबकू सुत आसा भार्या राजू । भ्रातृ सूरा भार्या शिवा गोमतो भ्रातृ भार्या सहिगलदे सुत धरमा कारापित श्री पार्श्वनाथं जिनेन्द्र नित्यं प्रणमति ॥ (B) श्रीमूल संधे भ० श्री भुवनकीर्ति व्यव० आसा सूरा शिवा नित्यं प्रणमति ( १२१२ ) सिंहासन पर ॥१०॥ संवत् १७२७ वर्षे श्रावण मासे शुक्ल पक्षे द्वितीया तिथौ भूगुवारे श्री विजय गच्छे श्री पूज्य श्री कल्याणसागर सूरि तत्प? श्रीपूज्य श्री सुमतिसागर सूरिभिः श्रीउदयपुरवरे महाराजा राणा श्री राजसिंघ विजयराज्ये श्री संघेन सिंघासन कारापितः श्री महावीरस्य ।। लि ! खेत ऋषि जत्यवत् ॥ संघ समस्त श्रेयकारा ॥ श्रीरस्तु ॥ कल्याण मस्तु शुभं भूयात् ॥ होरी गणेश सूत्यकार: कसारा मानजी सुत परताप कृतं पद्मराजा । "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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