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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह (२) द्य मुंहता समस्ते श्री संघेन श्री पार्श्वनाथस्य गणधराणां पादाब्ना कारापिताः । प्रतिष्ठिता: श्रीम (३) दुपकेश गच्छे युगप्रधान भट्टारक श्री देवगुप्त सूरिभिः ।। श्रीरस्तु ।। कल्याणमस्तु । श्री। ( १२६७ ) सिद्रचक्रमंडल शास्वतजिनचरण सह ॥ सं० १६०५ वर्षे माघ शुक्ल ५ पंचम्यां तिथौ चन्द्रवासरे उएश वंशे वृद्ध शाखाया श्रेष्ट गोत्रे वैद्य मुंहता समस्त श्री संघेन श्री सिद्धचक्रस्य मंडल कारापितं । प्रतिष्ठितं श्री मदुपकेश गच्छे युगप्रधान भट्टारक श्री देवगुप्त सूरिभिः ( १२६८) गणधर पादुकाओं पर सं० १६०५ रा माघ शुक्ल ५ चन्द्रवासरे उएश वंशे वृद्ध शाखाया श्रेष्ट गोत्रे वैध मु। समस्त श्री संघेन श्री आदिनाथ वर्द्धमान जिनेन्द्रयो गणधराणां पादाब्जा कारापिता प्रतिष्ठितं । श्रीमदुपकेश गच्छे भ: श्री देवगुप्त सूरिभिः श्रीरस्तुः ।। ( १२६६ ) श्री गिरनार तीर्थ पट पर ।। संवत् १६०५ वर्षे माघ शुक्ल ५ तिथौ विधुवासरे ऊएश वंशे वृद्ध शाखायां वैद्य मुं। समस्त श्री संघ सहितेन । श्री गिरनार तीरथग्य स्वरूपः कारापितः प्रतिष्ठितश्च श्रीमदुपकेश गच्छे भट्टारक श्री देवगुप्त सूरीश्वरैः॥ (१२७०) श्री गौतमस्वामी की प्रतिमा पर _ वि।सं० ।। १६४५ मिती मार्गशीर्ष शुक्ला १० भृगुवासरे श्री गौतमस्वामी मूर्ति श्री संघेन कारापितं . धातु प्रतिमा लखाः ( १२७१) श्री आदिनाथजी ॥ संवत् १५५१ वर्षे माह वदि २ सोमे उपकेश ज्ञातीय खटवड़ गोत्रे सा० मोल्हा भा० माणिकदे पु० सा० टोहा भार्या वारादे पुत्र गोरा भा० लाछ ..... पा युतेन आन्म पुण्यार्थ आदिनाथ बिवं कारितं प्रतिष्ठितं मलधार गच्छे भ० गुणकीर्ति सूरिभिः "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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