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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह ( ११६६ ) ।। श्रीजिनदत्तसरि पा । श्रीसंघ का । ( ११६६) कुण्ड पर || श्री नेमनाथाय नमः।। १॥ श्रीबीकानेर तथा पूर्व बंगाला तथा कामरू देश २ आसाम का श्री संघ के पास प्रेरणा करके रूपी३ या भेला करके कुंड तथा आगोर की नहर बना ४ या सुश्रावक पुण्यप्रभाविक देव गुरुभक्ति ५ कारक गुरुदेव के भक्त चोरड़ीया गोत्रे सीपाणी ६ चुनीलाल रावतमलाणी सिरदारमल का पो७ ता सिंघीयां की गुवाड़ में वसंता मायसिंघ मेघ८ राज कोठारी चोपड़ा मकसुदाबाद अजीम६ गंज वाले का गुमास्ता और कुंड के ऊपर दाट इ१० केला बखतावरचंद सेठी बनाया। सं० १६२४ ११ शाके १७८६ प्रवत्तैमाने मासोत्तम मासे भाद्रव १२ मासे शुक्ल पक्षे पंचम्यां तिथौ भोमवासरे।। धातु-प्रतिमादि के लेख ( ११६७) सं० १४३६ वैशाख सु० १३ सोमे श्रीनाहर गोन्ने सा० श्रीराजा पुत्रेण सा० भीमसिंहेन सा० .......... ... पार्श्व बिं० का० प्र० वृहद्गच्छे श्रीमुनिशेखरसूरि पट्टे श्रीतिलकसूरि शिष्यैः श्रीभद्रेश्वरसूरिभिः (११६८) सं० १७०१ व ! मा० मु०६ पत्तन वा० प्रा० वृत झा० वेन जयकरण भा० नानी बहुना श्रीपार्श्व बिं० का० प्र० तपागच्छे श्रीविजयदेवसूरिभिः ।। ( ११६६ ) सं० १६६७ फा० सु०५ दौलताबाद वा० ७० ऊकेश सा० कल्याण ना० श्री नमि बिं० का० प्र० तपाग "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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