SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 286
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( २७३) (२७०) सं० १५८७ वैशाखकृ०७ सोमवार के दिन काकरग्राम निवासी श्रीश्रीमालज्ञातीय भे० साइआ पुत्र श्रे० सवाने भा० वानूबाई पुत्र लटकण भा० लाखणदेवी समस्त कुटुम्बी जनों के सहित धीशान्तिनाथप्रभु का बिम्ब कर. वाया, जिसकी प्रतिष्ठा श्रीमरिने की। - (२७१) सं० १६१७ ज्येष्ठशु०५ सोमवार के दिन ओसवाल. ज्ञातीय व्य. रायमल भा० श्रीबाई पुत्र हीरा भा० जीवाबाई पुत्र सिंहराजने श्रीशान्तिनाथजी का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा तपागच्छीय श्रीविजयदानसूरिने की। (२७२) सं० १५१९ मार्गशिरशु० ६ शनिवार के दिन रत्नपुरवासी प्राग्वाटज्ञातीय लघुशास्त्रा में मं० अरिसिंह भा. बाईदेवी पुत्र सं० गोपासुश्रावकने भा० सुलहमी पुत्र देवदास, शिवदास, सहित अपने श्रेयार्थ अंचलगच्छाधिराज श्रीजयकेशरपरि के उपदेश से श्रीसंभवनाथजी का बिम्ब करवाया, श्रीसंघने उसकी प्रतिष्ठा करवाई। (२७३) सं० १४९४ माघशु० ५ सोमवार के दिन भीश्रीमाल. "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009682
Book TitleJain Pratima Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindrasuri, Daulatsinh Lodha
PublisherYatindra Sahitya Sadan Dhamaniya Mewad
Publication Year1951
Total Pages338
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy