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(१५६) सं० १५०६ माघशु०....... के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० सूराने भा० रूपाबाई, पुत्र धर्मराज के श्रेयार्थ, श्राविका बड़ी तथा अपने श्रेयार्थ श्रीसंभवनाथजी का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा पिष्पलगच्छीय श्रीधर्मशेखरदरि के पट्टधर श्रीविजयदेवसूरिने की।
(१५७) सं० १५१० फागुन...११ शनिवार के दिन श्रीमी. मालज्ञातीय व्यव० पुण्यपाल भा० पाल्णदेवी पुत्र हीरा, हरियाने पुत्र नमराज नरपाल सहित अपने भ्राता (हीरा). के श्रेयार्थ श्रीअभिनन्दनप्रभु का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा भावडारगच्छीय श्रीकालिकाचार्यसन्तानीय श्री वीरसरिने की।
(१५८) सं० १३५९ ब्रमाणगच्छानुयायी श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रे० झांझपने पिता थिरपालश्रीमन्त के भेयार्थ श्रीशान्तिनाथजी का बिम्ब श्रीवीरसूरि के द्वारा प्रतिष्ठित करवाया।
(१५९) सं० १४४९ वैशाखशु० ६ शुक्रवार के दिन उपकेशज्ञातीय थे० बीका(विक्रम )ने पिता कुरसिंह माता कामल.
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