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(९९) सं०१४३५ माघकृ०१२ सोमवार के दिन श्रीश्रीमालज्ञातीय सं० खेडसिंह सुत सं० हादाने श्रीशान्तिनाथजी का विम्ब करवाया, जीसकी प्रतिष्ठा श्रीवीरसिंहमूरि के पट्टधर भीवीरचन्द्रसरिने की।
(१००) सं० १५१० पौषकृ. ५ गुरुवार के दिन भीश्रीमालज्ञातीय व्यव० मुरदेव भा० सुहवदेवी पुत्र रूदा राणाकने अपने माता पिता के कल्याणार्थ श्रीशान्तिनाथजी का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा पिष्पलगच्छीय त्रिभविया श्रीधर्मसागरमरिने की।
(१०१) सं० १५७२ वैशाखक० ४ रविवार के दिन श्रीश्री. मालज्ञातीय व्य. भूवर पुत्र व्य० पोपटने भा० प्रेमलदेवी, आता गोपाल के पुत्र हादासहित अपने श्रेयार्थ श्रीसुविधिनाथजी का बिम्ब करवाया, जिसकी प्रतिष्ठा पूर्णिमापक्षीय प्रधानशाखा में श्रीभुवनप्रभरिने की।
(१०२) सं० १४३४ वैशाखक० बुधवार के दिन श्रीमालज्ञातीय व्य० जाठिल भा० क्षेमलदेवी श्रे० मालराजने श्रीशान्ति
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