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[१३] श्री शिवनूति ( श्रीधणगिरि के शिष्य)
श्रीआर्यन (श्रीशिवभूति के शिष्य)
श्रीआर्यनदात्र (श्रीमार्यभद्र के शिष्य)
श्रीनाग (श्रोार्यरक्ष के शिष्य )
श्रीजेहल (श्रीनाग के शिष्य)
श्रीविष्णु ( श्रीजेहल के शिष्य) श्रीकालिकाचार्य शिष्यो २
(श्रीविष्णु के शिष्य )
(शिष्य-२) (१) संपलित १ (२) आर्यन
श्रीार्यवृद्धि (संपलित और आर्यभद्र के शिष्य )
श्रीसंघालित ( श्रीार्यवृद्धि के शिष्य)
श्रीआर्यहस्ति (श्रीसंघालित के शिष्य )
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. * इनके प्रथम और 'श्रीआर्यनक्षत्र के बाद श्रीमार्यरक्ष' का नाम स्थविरावली में है।
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"Aho Shrut Gyanam"