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] (6) श्रीअकंपित (ए) श्रीअचलन्त्राता ए (१०) श्री मेतार्य १० (११) श्रीप्रनास ११
श्रीसुधर्म स्वामि
( श्रीमहावीर स्वामी के पाट पर)
( शिष्य २) (१) श्रीप्रनव स्वामि (२) श्री शय्यं नव
श्रीजंबू स्वामि (श्रीसुधर्मा स्वामी के पाट पर)
प्रनव स्वामि (श्रीजंवू स्वामी के पाट पर)
श्रीशय्यंजव (श्रीप्रभव स्वामी के पाट पर) श्रीयशोजन शिष्य २
(श्रीशय्यंभव स्वामी के पाट पर)
संजूति विजय
(१) संनूति विजय शिष्य १२ शिष्यणी । (५) नमबाहु स्वामि शिष्य चत्वारि ४
(शिष्य-१२) (१) श्रीनंदिन (१) श्रीउपनंद (३) श्रीतो सन्ना ३ (४) श्रीयशोजन ४
(यशोभद्रजी के पाट पर)
"Aho Shrut Gyanam"
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