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......... कुशलसूरिः
गणपति मूर्ति पर ।
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) ॐ सं० १३३७ फा० सु० २ श्रीमामा मधोरथ मंदिर योगे श्रीदेव ( 2 ) गुप्ताचार्य शिष्येण समस्त गोष्ठि वचनेन पं० पद्मचंद्रे
(३) अजमेरु दुर्गे गत्वा द्विपंचासत जिन बिंबानि सच्चिकादेवि ग ( ४ ) [ ] पति सहितानि कारितानि प्रतिष्ठितानि
सूरिया
मंदिर नं० १
मूलनायकजी पर ।
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(१) ॥ सं० १६७५ मार्गशीर्ष सुदि १२ गुरौ न० थाहरू जाय कनकादे पुत्री
वीरां कारितं
+ यह पादुका पीले पाषाण में खुदे हुए हैं।
* यह लेख मकराने की गणपति मूर्ति की चरण चौकी पर खुदा हुआ है और श्रीमंदिरजो को फेरी में दाहिने तर्फ रखा हुआ है।
+ मूल मंदिर के चारों कोने में बार शिखरवंद छोड़े मंदिर अवस्थित हैं। दाहिने तरफ दक्षिण दिशा में यह मंदिर है। इसमें पीले पापा की परिकर सहित श्वेत पाषाण की मूलनायकजी की मूत्तिं विराजमान है। मूर्ति के चरण चौकी पर का यह लेख है ।
"Aho Shrut Gyanam"