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"Aho Shrut Gyanam"
जैसलमेर - श्री बेगड़गच्छ उपासरा प्रशस्ति (नं० २४४६ )
॥दा उनमः श्री या घनाथाय नमः ॥ श्री वाग है शायनमः। संवत् १९०१ वर्ष शाक १६४६ वर्तमाने महामा गल्प प्रदा मासो तमचेत्रमा सलीलविला से श्रुत पक्ष त्रयो द स्प गुरुवारे उत्तराफाल्गुनीन ज्ञने वृद्धिनामयोगे एवं नदि ने श्री जेसलमेरु गुमहाग्रे राउल श्री सिंघजी विजे राज्य श्री खरतरगर नहारक श्री जिनेश्वर सिंताने तहारक श्री जिनगुप्र तु सूरि पट्टे त० श्री जिनेशर सूरित पट्टे नहारक श्रीम जिनचंद्रसूरि पटेसहार के श्री जिन समुद्रसूरितत्य हालेका र हारसा स्तहारक श्री१०१ श्रीजिन सुंदर सूरितत्पट्टे युगप्रधान नहारक श्री श्री जिन उदय सूरिविजय राज्ये प्राज्प सम्राज्य। श्रीरस्तुः ॥ श्रीः
SHRI BEGARH GACHHA UPASARA PRASHASTI-JAISALMER.
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