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शहर
में 1
श्री विमलनाथजी का मंदिर |
मूर्तियों पर ।
[2439 ] *
॥ संवत् १६६६ वर्षे पौष वदि ६ भृगुवासरे वृऊशाखायां ऊकेशज्ञातीय. का० प्र० च श्रीत० श्री विजयसेन
श्री विमलनाथ
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[2440]
सं० १६१५ वर्षे वैशाख वदि ६ श्री ओसवंशे संखवालगोत्रे सा० राजा पुत्र पंचा येण श्रीपार्श्वनाथबिंबं का० खरतरगच्छे श्री ज्ञानचंद्रसूरिनिः
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सं० २०३१ वर्षे माघ सुदि ९ बिंबं पदमावती पार्श्वनाथ सूरी जरी है ।
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"Aho Shrut Gyanam"
श्रीवि देव
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पंचतीर्थयों पर |
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संवत् १५१३ वर्षे मार्गशीर्ष मासे ऊकेशवंशे चोपड़ागोत्रे सा० करमण सुत साक्ष जेसा जाय मदी पुत्र सा० खोखाकेन जार्या हरषू पुत्रपौत्रादिपरिवारसहितेन श्रीधर्मनाथत्रिवं कारितं प्र० श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनराजसूरिपट्टे श्री जिनजप्रसूरि जिः ॥ व ॥
* यह मंदिर श्रीआचार्यगच्छ के उपासरे में है और श्रीमूलनायकजी की पत्थर की मूर्त्ति पर यह लेख खुदा हुआ है। + देवी की मूर्ति पर यह लेख है।