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________________ ( ५० ) [1263] संवत् १५१५ बर्षे फाल्गुन सुदि १५ श्री उपकेशगळे श्री कक्कुदाचार्य सन्ताने श्री उपकेश झातौ श्री आदित्यनाग गोत्रे सा आसा ना नीबू पुत्र बानू ना गजलदे पितृ मातृश्रेयोर्थ श्री आदिनाथ बिंबं प्रतिष्ठितं श्री कक्क सूरिनिः॥ [1264] संवत् १५१३ वर्षे वैशाख सुदि ५ शुक्रे गूंदोचा गोत्रे सा धीरा नार्या धारलदे पु० देता ना सहजलदे पाहा ना पोमादे० स्वयार्थ संनवनाथ विंबं का प्र० श्री चित्राबालगछे श्री मुनितिलक सूरि पट्टे श्री गुणाकर सूरिनिः। [1265] संवत् १५१३ वर्षे थाषाढ सुदि २ गुरू दिने उपकेश ज्ञातीये मएकलेचा गोत्रे सा वुहथ ना वाहणदे पुत्र रणमल नार्या रतनादे पु० माहायुतेन श्री आत्मश्रेयस श्री सुविधिनाथ चिंबं कारािपितं प्रति श्री वृहछे जानोरावटंके जट्टा श्री हेमचन्द सूरि पट्टे श्री कमलप्रन सूरिभिः ॥ [1268] सवत् १५१३ पोस सुदि ७ उपकेश वंशे लोढा गोत्रे सा० नूणा पुत्रेण सा साब्हाकेन निज नार्या निमित्तं श्री सुविधिनाथ विवं कारितं प्रति तय नहारक श्री पूर्णचन्द्र सूरि पट्टे श्री हेमहंस सूरिभिः ॥ [12671 संवत् १५१७ वर्षे माघ वदि ५ दिने श्री उपकेश ज्ञातौ गम गोत्र सा० सुहमा नाम गुणपाल ही पुण् नगराज ना. नावलंदे पु० नानिगमूला सोढद वीरदे हमीरदे सहितेन श्री श्रेयांस बिंब कारितं श्री रूपली गछे श्री देवसुन्दर सूरि पट्टे श्री सोमसुन्दर सूरिनिः॥ "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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