SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 75
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ४६ ) [1241] संवत् १४०५ वर्षे ज्येष्ठ शुक्ल ७ जौमे प्राग्वाद ज्ञातीय व० साढा श्री जादी पु० सहसा जा० सीतादे पु० पाहा स० आत्मश्रेयसे श्री संजवनाथ बिंबं कारितं प्रति पूर्णिमा पक्षे श्री सर्वानन्द सूरिजिः ॥ [1242] संवत् १४९० वर्षे माह सुदि पक्षे श्री घोसवंशे कलग ज्ञातीय सा० अजीया सुत सा० जेसा जाय जासू पुत्र पोमासाणा दिजिः अञ्चलगनेश श्री जयकीर्त्ति सूरीषामुपदेशेन श्री चन्द्र बिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्री सूरिभिः ॥ [1243] .... संवत् १४३ वर्षे वैशाख सुदी ३ सोमे उपकेश ज्ञातीय सा० दादा जा० कर्म्मादे पुत्र मेघा जा० पदे सहितेनात्मश्रेयसे श्री वासुपूज्य बिंबं कारितं प्रति० श्री अमरचन्द्र सूरिजिः ॥ [1244] सवत् १४९०३ वर्षे फाल्गुन विदि १ दिने श्रीवीर बिंबं प्रतिष्ठितं श्री जिनन सुरिनिः उपकेशवंशे सा० वाहक पुत्र पूजाकेन कारितम् ॥ [1245] संवत् १४९०५ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १४ बुध उपकेश वंशे लघुशाखा मरमण सा० मन्दलिक जार्या फदकू सुत सा० मूंगरसी जार्या दल्हादे पुत्र सा० सोना जीवा घीनेन मातृपुण्यार्थ श्री मुनिसुत चिंचं कारितं प्रति० श्री खरतरगच्छे श्री जिनवर्द्धन सूरि पट्टे श्री जिनचन्द्र सूरि तत् पट्टे श्री जिनसागर सूरिनिः ॥ [1246] संवत् १४७६ वर्षे फाल्गुण सुदि ए बुधे उपकेश ज्ञातीय व्यव० शाखा जा० चांपू पुत्र ऊधरणकेन जार्यादेपू सहितेन आत्मश्रेयसे श्री वासुपूज्य बिंबं कारितं प्रति बोक मियागछे जहा श्री धर्म्मतिलक सूरिजिः ॥ "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy