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[1142]
सं० १५०१ वर्षे माइ सुदि १० सोमे श्री संगठे उपकेश झाप साह कालू जाय काल्ही पुत्र कान्हा जाय सारू पितृमातृश्रेयोर्थं श्री नमिनाथ विं कारापितं प्रति० प० श्री सांति सूरिजिः ।
[1143]
सं० १५०१ माइ सुदि १० सोमे श्री ज्ञानकापगछे उपकेश० खोलस गोत्रे साह कान्दा जाक सिरि पुत्र यास जाय जाकु पुत्र धाना रामा काना जा अर म श्रेयसे श्री आदिनाथ बिंबं कारा० प्रति० श्री शान्ति सूरिनिः ।
[ 1144]
सं० १९०१ मा सुदि १० सोमे विरुत गोत्रे सा० माएहा पु० अरजुन जाय साह पुत्र कान्हा जा० दी दफ़या श्री पद्मनः का० प्र० श्री धर्मघोषगछे श्री मही तिलक सूरिजिः या० विजयन सूरि सहितैः ॥
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[ 1145 ]
संवत् १५०१ वर्षे फागुण सुदि १३ शनौ ऊ० झा० जाजा उटाणा सा० कर्मा जा० सागू पु० पेता जताषे जा० राणी पु० पंचायण जयता जा० तो पित्रोः श्रे० श्री शान्तिनाथ बिंबं का० श्री चैत्रगछे प्र० श्री मुनितिलक सूरिनिः ।
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सं० १९०२ वै० ० ५ प्रा० व्य० लाषा लापपदे पु० सामन्तेन सिंगारदे पु० पाल्हा रतना की कादियुतेन श्री कुंथु बिंबं का० प्र० तथा रत्नशेखर सूरिजिः ।
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सं० २०४ फागुण शुदि ११ कूंगटिया श्रीमात्र सा० साधारण पुत्रेण सा० समुधरेण श्री पार्श्वनाथ प्रतिमा कारिता प्रतिष्ठितं श्री तपाजहारक श्री पूर्णचन्द्र सूरि पट्टे श्री हैमस सूरिजिः ॥
"Aho Shrut Gyanam"