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[1051] सं० १४०ए वर्षे फागुण सुदि ५ बुधे हुंवड़ ज्ञातीय त्रातृ पातल श्रेयसे उ० वीरमेन श्री आदिनाथ बिम्ब का रितं प्र श्री सर्वानन्द सूरि सहितैः श्री सर्वदेव सूरिनिः॥
[1052] सं० १४५१ वर्षे माघ वदि ६ दिने नाहर गोत्रे सा देवराज ना० रुपी पु० सा लोला जार्या नाव्ही.पौत्रादि सहित आत्मश्रेयसे श्री शांतिनाथ बिम्ब कारितं श्री रुउपल्लीय गजा श्री जिनहंस सूरि पदे श्री जिनराज सूरिनिः॥
[1058] सं० १४२५ वर्षे वैशाष सु० ११ बुधे प्राग्वाट झाप कहोली वास्तव्य श्रेष्ठि तिहुणा ना० वहिणि पितृ श्रेण श्री पार्श्वनाथ बिम् कारितं प्र० श्री रत्नप्रन सूरिभिः ।
[1054] संग १४५३ फागुण सु० सामे प्राण व्यण हरपाल नार्या श्रावण दे पु० विजयपालेन पित्रो श्रेण श्री पार्श्वनाथ बिम्बं का प्र० श्री शालिजा सूरिनिः ॥
[1055] सं० १४२३ फागुण सु० ए सोमे श्रीमाल व्य० जोहण जा० माव्हण दे सुत आव्हा पाल्हान्यां पितृव्य आसपाल नातृछान्यां श्रेयसे श्री वासुपूज्य बिम्ब का रितं श्री अजय चन्द्र सुरिणामुपदेशेन ।
[1056] सं० १४३६ वर्षे फाण् सु०३ दिने मंति दलीय गोत्रे सा० सारङ्ग ना सारू पुण् सीधरण जा सुहवदे पुत्र साप मांज मैस परवतादि युतेन श्री कुन्थुनाथ बिम्बं का प्र० श्री खरतरगछे श्री जिनन सूरि पट्टे श्री जिनचन्द सूरिचिः ॥
[1057] संवत् १४३७ वर्षे वैशाख वदि १० सोमे। श्री कारंटगछे श्री नन्नाचार्य सन्ताने उपकेश शाण श्रेण सोमा ना सूमलदे पुत्र सोनाकेन पितृ मातृ श्रेण श्री आदिनाथ विम्ब का प्र० श्री सांवदेव सूरिनिः।
"Aho Shrut Gyanam"