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( ४ ) भारज-सिरोही।
जैन मंदिर । पंचतीर्थी पर।
[2088] सं० १५५४ वर्षे वैशाख सुदि शनो श्रीमाल झातीय पितृ धरकण जाण धरणा सुल कालु नाप कुंथि करमी सुत सहिता युतेन श्री नमिनाथ विंबं कारितं बृह्मणिया गले प्रति ष्ठतं श्री विमल सूरिनिः वटपत वास्तव्य ॥
गडा-सिरोही।
जैन मंदिर। पंचतीर्थी पर।
[2089] संघ १५३४ वर्ष वैशाख सुदि ३ गुरो उसबाल वृहद् सनने साकुर गात्रे साह पोमादे पू० जावड़ नावड़ गीदा साब माणाकेन ना मणिक दे पु० मेघराज हांसादि कुटुंवयुतेन स्वश्रेयोर्थ श्री सुमतिनाथ चतुर्विंशति पट्ट कारापितं । नाणावाल गछे श्री धनेश्वर सूरि निः प्रतिष्टितं तथा श्री सोमसुंदर सूरिभिः सं . . . . . ॥
तिवरी-सिरोही।
जैन मंदिर। काउसम्म प्रतिमा पर ।
20801 सं० १३३४ वर्षे वैशाख सुदि ५ गुरौ प्राण ज्ञा श्रे0 जवा जादा जा० रुपलं दे ७० . . . श्री नयगल कारितं प्रतिष्ठितं चित्रगठीय श्री देवजन सूरि संतानीय राण पं० सोमचंप्रेण ॥
"Aho Shrut Gyanam"