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(शक्षा)
[ 2046] संवत् १५६५ वर्षे माघ सुदि १५ दिने जकेश वंश घोरवाड गोत्रे सा० वाचा जाम वादिण दे पुत्र सा रंगाकेन ना० रत्ना दे पुत्र सा माहा घेता वेता प्रमुख परिवारयुतेन श्री सुमतिनाथ विवं का०प्र० श्री खरतरगडे श्री जिनहंस सूरिभिः ॥
श्री पार्श्वनाथजी का मंदिर - कारवान साहुकारी ।
धातु की प्रतिमाओं पर ।
[2047]
संवत् १३२२ वर्षे बैशाख सुदि ११ गुगै श्री श्रीमाल झातीय नाव जयतेन निजमा. तामह वा सोढ ना उस श्रियादेवी श्रेयसे श्री शांतिनाथ विवं कारित प्रश्रो पृथीचंच सूरि शिष्यैः श्री जयचंड सूरिनिः ॥
[2048 ] संवत् १४५७ वर्षे फा0 सुदि १ जौमे प्राग्वाट झातीय श्रेण धरणि सुत सिंघा श्रेयोर्थ तद् त्रातृ श्रेण कान्हदेन श्री पार्श्वनाथ बिवं कारितं प्रतिष्ठितं श्री तपागलीय जहारक श्री देवसुंदर सूरिनिः॥
[2048]
संवत् १४७र वर्षे वैशाख सुदि ३ शनौ प्रारबाट ज्ञातीय श्रेण सामत ला सामल दे सु० धमाकेन जात हीरा सिवा सहदे सहितन पितृ मातृ श्रेयसे श्री अनिनदंन विवं का प्र० मडाहड गछे श्री उदयप्रन सूरिनिः॥
[2050] सं० १६७७ वा फाण सुरु ७ सोमे ओ झा सारा शिव साए जा० सुजारादि पुत्र साथ रामाकेन जा रतनवाई प्रमुख कुटुंबयुतेन श्री सुविधिनाथ विवं कारित प्रा तपा गछे विवेकहर्षगणिनिः॥
"Aho Shrut Gyanam"