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( २५५ ) ऋषभदेवजी का मंदिर।
पंचतीर्थयों पर।
[ 1000 ] संग १५१० पौष वदि १० घांघ गोत्रे सा० सारंग ना सुहानिणि सु० सा काबू साम चाहड़ नामान्यां पुण्यार्थ श्री सुमतिनाथ बिंब का० प्र० श्री मलधारि गले श्री विद्यासागर सूरि पट्टे श्री गुणसुंदर सूरिनिः ॥
[1091] ॥ संवत् १५१५ वर्षे माह वदि ए शुक्रे श्री संडेर गछे ज० काश्यप गोत्रे साषेता पुरा षीमा जाप षीमसिरि पु चुडा ना० नरमी पुरा पूजा नयमा बोढा रंगा साइतेन श्री नेमि. नाय पिं० कारितं प्रति श्री ईश्वर सूरिनिः॥
[1002] : ॥सं० १५१२ वर्षे वैशाष सुदि पंचमी सोमे । उ० झाप काउड़ गोत्रे । दो० ऊदा नार्या जमा दे पु० दो रूपा दोष देपा अमर नाथा । रंगा देवा नार्या दाडिम दे पु । पहिराज सादहा रायमल युतेन सुपुण्यार्थं श्री शांतिनाथ विवं कारितं श्री संडेर गजे श्री शांति सूरिनिः प्रतिष्टितं ।
मूलनायकजी पर।
[ 1993 ] ॐ॥ स्वस्ति सं० १४६ए वर्षे माघ .... ६ रवी श्रीमाल वंशे नावर गोत्रे व हड़ संताने श्री पुत्र मंत्रि करम . . . . श्रेयाथ लघु व्रातृ उ० देपावेन ब्रातृव्य 30 जोजराज उप नयणसिंह नार्या मादह दे सहितेन श्री आदिनाथ विवं कारितं प्रतिष्ठितं श्री खरतर गले श्री जिनचंद्र सूरिजिः देवकुलपाटके ।
"Aho Shrut Gyanam"