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( २५० ) (४) श्री खरतर गछे श्री जिनवर्द्धन सूरि पढे श्री जिनचंड सूरिनिः॥
(1082] (१) ॥ संवत् १४०६ वर्षे कार्तिक सुदि ११ सोमे ॥ ऊकेश ज्ञातीय सा० बाहड़ जार्या
सुषुव दे पु० राना साना सलषाके(न) निज मातृपितृ श्रेयसे श्री शादिनाथ प्रासा
दे श्री सुमतिनाथ देव प्रतिमा (१) कारिता ॥ ऊकेश गछे श्री सिकाचार्य संताने प्रतिष्ठितं । श्री देवगुप्त सूरिभिः ॥ ॥ श्री॥ मल्लधारोयकः॥
[1083] (१) सं० १४७७ फा० सुछ श्रीमाल झा सा० . . . . . . (३) देवकुखिका कारिता प्रतिष्ठिता तपागचनायक श्री सोमसुंदर सूरि श्री मुनि सूरिभिः ॥ श्री अहिलपुरपत्तन वास्तव्य
[1084] (१) ॥ॐ ॥ संवत् १४८१ वर्षे माघ सुदि ५ बुधवार ऊकेश वंशे श्री नवलखा गोत्र
श्री रामदेव शायर्या श्राविका मेला दे पुत्र साधु श्री सहणपाल जार्यया नारिंग दे भाविकया पुत्र सा रणमल सा रणधीर रणज्रम साए कर्मसी पौत्रादि सहितया निज पुण्यार्थ जिनानां
श्री जिनराज सूरि पट्टे श्री जिनवईन सूरि तत्प४ श्री जिनचंड सूरि तत्पपूर्वा चल श्रीयुत श्री जिनसागर सूरिनिः ॥ शुनं नवतु ॥॥॥॥॥
नये मंदिर में। मूलनायकजी पर ।
[1985] । संप १४८५ वर्षे वैशाख सुदि १ श्री पार्श्वनाथ विंब ॥ सा ससुदय क्ठस्य ।
"Aho Shrut Gyanam"