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( २४६ ) (२) साडि पुत्र देपा नार्या देवा दे पुत्र ७ व्यव . . . . . . कुंरपाल सिरिपति नर दे • धीणा पंडित लषमसी आ(३) स्मश्रेयोर्थ श्री पार्श्वनाथ जिनयुगक्ष कारापितः प्रतिष्ठितः कोलीवाल गछे पूर्णिमा
पदे द्वितीय शाखा(४) यां जट्टारक श्री नरेश्वर सूरि संताने तस्यान्वये न श्री रत्नप्रन्न सूरि तत्पढ़ें
नहारक श्री सवाण(५) द सूरीणि शिष्य लषमसीहेन आत्मश्रेयोर्थ कारापितः प्रतिष्ठितः ज० श्री सर्वा
पद सूरी. (६) णामुपदेशेन ॥ मंगलान्युश्यं ॥
11067] (१)॥ॐ॥ स्वस्ति श्री नृप विक्रमादित्य संवत् १५७७ वर्षे वैशाष शुदि ३ श्रीमान
झातो मांथलपुग गोत्रे सा (२) देहड़ संताने सा काला तत्पुत्र साय मेला केला मेला पुत्र साप सोमा ससा
यरकेन पुत्र ढुंफण पुत्र (३) जोला सोमा पुत्र महिपति डुंगर जापर सायर पुत्र बाना पासा ढुंफण पुत्र वस्त
पाल त...... (४) स रत्नपाल कुमरपाल तोला पुत्र नरपाल नरपति प्रभृति पुत्र पौत्रादि सहितण
एटों पर।
[1068] सं० १४ए४ वर्षे फाल्गुन वदि ५ प्राग्वाट सा देपाल पुत्र सा सुहडसी नार्या सुहडा दे पुत्र पीबजलिया साय करणा नार्या चनू पुत्र सा० धांधा हेमा धर्मा कर्मा हीरा काला भ्रातृ साहीसाकेन नार्या साखू पुत्र थामदत्तादि कुटुंबयुतेन श्री हासप्तति जिनपट्टिका कारिता प्रतिष्ठिता श्री तपागबनायक श्री सोमसुंदर सूरिनिः॥ श्रीः ॥
"Aho Shrut Gyanam"