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( २३३ )
[ 1908 ]
|| सं० १६२२ ० वैशाख सुदि १२ वी श्री शीतलनाथ बिंबं गुरू श्री विजय सूरिनिः ॥
[1909]
|| सं० १६४६ स० मुदि ६ वाजसा श्री धर्म....
[1910]
॥ संवत् १७१० वर्षे ज्येष्ठ सित ६ गुरौ श्री सुविधि बिंबं श्रेयोर्थं का० प्र० ज० श्री विजयराज सूरिजिः श्रा० कनका ज० श्री विजय सेन सूरिजिः ॥
पंचतीर्थी पर |
[ 1911 ]
|| सं० १५०० वर्षे माघ सुदि ५ शुक्रे प्राग्वाट वंशे सं० कर्मट जा० माजू पु० उधरणेन जाय सोहिणि पुत्र चाहा वोसा नीसा सहितेन श्री अंचल गवेश श्री जयकेसरि सूरि उपदेशेन स्वश्रेयसे श्री वासुपूज्य स्वामी बिंबं कारितं प्र० श्रीसंघन ॥
[1912]
|| सं० १९९६ वीरम ग्रामे श्रे० वीठा सोनल पुत्र श्रे० जुडसिकेन जा० संपूटी पुत्र धन्ना वाघा जार्या कांक प्रमुख कुटुंबयुतेन श्री नमिनाथ बिंवं कारितं प्रतिष्टितं श्री तपागढ़ नायक श्री रत्नशेखर सूरिजिः ॥
[ 1913 ]
|| संवत् १५२ वर्षे फागुण सुदि १ शुक्रे श्री श्री ( ? ) बंशे रसोइया गोत्र श्रे० गुहा जाय रंगाई पुत्र o देवर सुनावण जा० कुंवरि चातु सीधा युतेन श्री यंत्रगवेश्वर श्री जयकेसरि सूरीणामुपदेशेन स्वश्रेयोर्थ श्री शांति नाथ विषं कारितं प्रतिष्टित श्रीसंघेन ॥ श्री पत्तन नगरे ॥
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"Aho Shrut Gyanam"