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________________ (१५६) [ 1885] श्री संवत् १७एशाके १७५७ माघ शुक्ल १५ जोमवार पूष्यनत्रे आयुष्य माण योगे चोरडिया गोत्रोत्पन्न लाला मन्नुलालजी बुधसिंहेन निर्मिता विश्रामस्थान । ॥ सं। १७एच वर्षे शा १३५ माघ शुझा ४ चतुय बंजवासरे श्रीमाज्ञान्वये कोशलिया गोत्रे सा । श्री पुसवपतरायली तत्सुतौ दिलसुखराय .... चाजधानी श्री चंघन कल्याणकनुभ्यां चंद्रावती पूर्ण धर्मशाला कारापिता संघार्थ । ....................... ... er 12UNCUL TETanmant श्री सम्मेदशिखर तीर्थ । मधुवन - जैन श्वेताम्बर मन्दिर । पंचतीर्थयों पर। [16873 सं० १५१० आषाड़ सुदि ए सोमे श्री पंडेरक गठी ... प्रतिमा का रिता वसु ." । [1668] संवत् १२३५ वैशाख सुदि ३ बुधे तंगकीय सोहि सुत पीत श्रावकेण स्वश्रेयोर्थ श्र पार्श्वनाथ प्रतिमा कारिता । ... श्री पूर्णजम सूरिणा । ___ संवत् १२४२ वैशाय सुदिप श्री बादीय गठे श्री जीवदेव सूरि क्लुियोर्धं सूति अयोथ भी टाणाकेन कारितं । "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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