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दत्तमान ज० श्री हीरविजय सूरि पहालंकार श्री अकवत्रते (?) परिषतप्राप्तवादजयकार ज० श्री विजयसेन सूरिजिः ॥
श्री वजदेवजी का मंदिर - सहादतगंज । मूर्त्तियों पर ।
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सं० १००० मा | सु । ५ । श्री आदि जिन बिंबं कारितं उस वंशे पहलावत गो । सदानंद पुत्र गुलाबराय जार्या सूत्राख्या का० प्र । वृ । न । खरतर । ग । श्री जिनाक्षय सूरि तत् पंङ्कजभृंगैः श्री जिनचंद्र सूरिनिः ।
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सं० १९१७ फागुण शीत २ बुधे श्री श्री आदि जिन परिकरं कारितं पाचालदेशे कांवखपुर प्रतिष्ठितं । श्रमहारक वृहत् खरतर गन्नाधिराज श्री जिनाय सूरि पट्टस्थित श्री जिनचंद्रसूरि पदक जलयखीन विनेय श्री जिननंदिवर्द्धन सूरिनिः उस वंशे पदलावत गोत्रे लालाजी श्री सहानंदजी तत्पुत्र लाला श्री सदानंदजी तत्पुत्र लाला गुलावरायजी ता जून्नु विवि तेन कारितं महता प्रमोदेन ।
पंचतीर्थी पर |
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सं० १५१८ वर्षे माघ वदि २ बुधे नदेउरा झा० सा० कमलसी जा० तेजू सुत सा० खेतान जा० वीरणिश्रेयोर्थं पुत्र गोविंदादियुनेन श्री संजवनाथ बिंबं का प्रतिष्ठितं श्री संडेर गछे श्री शांति सूरिभिः ||
श्री शांतिनाथजी का मंदिर - सहादतगंज । चौकी पर |
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॥ संवत् १९२३ का मिति जेष्ठ सूदि १० म्यां श्रीमाल वंशे बोटेसाजन सवाणां गोत्रे
"Aho Shrut Gyanam"