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________________ ( ३ ) धातु के यंत्र पर । [1417] || संवत् १८२५ वर्षे आश्विन शुक्ल १५ दिने सिद्धचक्रं यंत्रमिदं । प्रतिष्ठितं वा । लावण्य कमल गणिना । कारितं श्री नागोर नगर वास्तव्य लोढा गोत्रे ज्ञान चंद्रेण श्रेयोर्थ ॥ श्रीरस्तु ॥ [1418 ] ॥ श्रीमन्वि ... गच्छे संगन (१) देव सूरीणां मध्य गणिना ज०....... 1 श्री शान्तिनाथजी का मन्दिर -- दादावाड़ी | पञ्चतीर्थियों पर । [1419 ] ॥ सं० १३०१ माघ शुक्ल ५ कुशल पु SONSCOVERED श्री शांतिनाथ बिंबं । [1420] संवत् १४४३ वर्षे वै० सु० १३ श्री मूलसंघे [1421] सं० १४८२ वर्षे फा० सुदि ३ श्रीमाल ज्ञा० ० सादा जा० मटकू सुत श्रे० देवराज दरपति व्रातृयुत श्रे० वरसिंह जाय कपूरादे सुत पर्वतेन जाय वरण निज पितृमातृश्रेयसे श्री मुनिसुव्रत विकारितं प्र० श्री तपागल नायक श्री श्री श्री सोमसुंदर सूरिनिः । ---- 1 [1422] ॥ सं० २४९६ वर्षे वैशाष सु० ५ बुधे श्री श्रीमाल ज्ञातीय थे० माका जा० शाखी "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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