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पापाण पर । ✓ [174]
शूदाबाद अजीमगञ्ज बास्तव्य डूगड़ गोत्रे बाबु प्रतापसिंहजी तनार्या महताब कुंवर तत्पुत्र राय लक्ष्मीपत तत्लघु सहोदर राय धनपतसिंह बहादुरेण न्याय द्रव्यण व्यय बोर प्र का जिनालय करापितः लबवाड़ मध्ये उ० श्री सागरचंद्र गणि प्रतिष्ठितं । सं० १९३० मिती बैशाख वदी १ चन्द्रे
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श्री गुनायाजी ।
नवादा ( गया लाईन) टेसनसे १ || माल पर यह स्थान है। इसका नाम शास्त्र में "गुणशील चैत्य" से प्रसिद्ध है । यहां २४ मां तीर्थंकर श्री महाबीर स्वामीका १४ चौमासा प्रयाथा । स्थान मनोहर और श्री पावापुरी तीर्थके जलमन्दिर की तरह तालाव वा विचमें मन्दिर है ।
धातुके मूर्त्तिपर |
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संवत् १५१८ वर्षे फागुण बदि १२ उसवालान्वये मूधाला गोत्रे स० - मीला जा० बील्हू पुत्र सा० तोहा जा० पई नाम्न्या स्वपुण्यार्थं पद्मप्रन बिंवं कारितं प्र० श्री पद्मानंद सूरिजिः ।
पाषाणके चरणों पर ।
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संवत १६०० बर्षे बैशाख सुदि १५ तिथौ मंत्रीदल बंसे चोपरा गोत्रे ग० बिमलदास तत्पुत्र ठग० तुलसीदास तत्पुत्र श्री ठा० संग्राम गोबर्द्धनदास तस्य माता ठकुरी श्री निदालो तत्पु० जार्या ठकुरेटी यु० ज० श्री जिनकुसल सूरिका कारापिता पूज्य श्रीश्री ५ श्री श्री राज सुरि बिद्यमाने उपाध्याय अजय धर्मेन प्रतिष्ठा कृता स्थिर लग्ने खरतर गछे ।