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सं १ए५० मि । फा० कृष्ण ५ बुध --गड़ प्रताप ---
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॥ संवत १९२५ मिति जेष्ठ शुक्ल छीतीया तिथो रबीवारे झूगड़ गोत्रे श्री प्रतापसिंहजी तघ्नार्या महताब कुंवर तत्पुत्र राय समीपत्तसिंघ बाहार तत् खपत्राता राय धनपतसिंघ वहापुर तत्पत्नी प्राणकुंवर जन्म सफली करणार्थ । ज । युन श्री जिनहंस सूरिजी बिजेराज ॥ ज श्री श्राणन्दबहन गणि तत् शिष्य उ० श्री सदालान गणि प्रतिष्ठिता ॥ पूज्याचार्य श्री रतनचन्द सूरि बुंपक गछे ॥श्रीः ॥ कल्याणमस्तु ॥ श्री नवपदजी श्री चंपा पूरोजी स्थापिताः ॥ श्रीः॥
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श्री वासुपूज्यजी जन्म कल्याणक । सं० १ए२५ मिः फागुन कृष्ण ५ तियो। ड्रगड़ श्री प्रतापसिंघजी तत्पुत्र राय खबमीपत्तसिंघ बहार तत्त्रात्र श्री धनपत्तसिंघ बहापुर कारापितं जंग। यु।प्र। न। श्री जिनहंस सूरिजी विजेराज्ये ॥ उ० श्री सागरचन्द गणि प्रति ष्ठितं ॥ शुनंच्यात् ।
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धातुयोंके मूर्तिपर। सं १५०ए बर्षे ज्येण सु० - रबौ रंगू ला रमाई-- हेमा हापा खापा पु० साहस जाण लक्ष्मीरूपिणि पुण्यार्थ श्री चतुर्विंशति जिन प्रतिमा श्री नमिनाथ विवं का प्र० श्री संमेर गठे श्री शांति सूरिनिः ॥ श्रीः
J [ 152] संवत १५२७ बर्षे माघ ० १ सोमे प्रा० सं० धारा जा सखषू सुतेन सा वेखा बंधुना