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( २७१) डोथा सा० संग्राम सुत सा. सलषण सुत सा. तेजा मार्या तेजल दे तयोः पुत्रा सा. डीडा सा० षीमा सा० भूरा सा० काला सा. गांगा सा• डीडा सुत सा. नाग राज सा० काला सुत सा० पासा सा० जीव राज सा. जिणदास सा० सेजा द्वितीय भ्रासा सा० नर सिंह मार्या कउनिग दे तयोः पधी सा• पास दत्त सा. देव दत्त श्री जीराउला पार्श्वनाथ स्य चेस्ये देहरी ३ बारापिता श्री देव गुरु प्रसादात् प्रवर्द्धमान भद्रं मांगलिकं भूयात् ॥
(974) ओं ॥ सं० १४८३ वर्षे भादवा यदि ७ गुरु कृष्ण पक्ष श्री सपा गच्छ नायक श्री श्री देव सुंदर सूरि पदे श्री सोम सुंदर सूरि श्री मुनि सुंदर सुरि श्री जय चंद्र सूरि श्री भुवन सुंदर सूरि उपदेशेन श्री कल वर्या नगरे कोठारी बाहउ सामत सं नाने को नरपति भा. देमाई पुत्र सं० उकदे पासदे पूनसी मना श्री उसवाल ज्ञातीय कटारीया गोत्र श्री जीराउला भुवने देव कुलिका कारापिता । शुभं भवतु ॥ श्री पार्श्वनाथ प्रसादात् ॥ ओं कटारिया गोत्र वरं महीयं नातु पिता मे जननी देमाई। श्री सोम सुंदर गुरुगुरव अदेयाः भी छालज मंडन मात्र शालं ॥१॥
( 975) ओं ॥ सं० १४८३ वर्ष भाद्र वदि ० गुरु दिने कृष्ण पक्षे श्री तपा गच्छ नायक श्री देव सुंदर सूरि पर श्री सोम सुंदर सूरि श्री मुनि सुदर सूरि श्री जयचंद्र मूरि श्री मुवन सुंदर सरि भी उपदेशेन श्री फलवर्गा नगरे श्री उसवाल ज्ञातीय सा० घणसी संताने सा. जयता मा० वा. तिलक सुत सं० समरसी सं० मोषसी श्री जीराउला भुषने देवकुलिका कारापिता । शुभं भवतु । श्रीपार्श्वनाथ प्रसादात् ।
( 978 ) ओं ॥ सं० १९८३ वर्षे माद्रवा वदि ७ गुरु दिने कृष्ण पक्षे श्री तपा गच्छ नायक श्री देव सुंदर सुरि प४ श्री सोम सुंदर सृरि श्री मुनि सुदर सूरि श्री जयचंद्र सूरि श्री भुवन