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(१९०) मणादि सपरिवार - श्री सुमतिनाथ विं कारित प्रतिष्ठित तपागच्छाधिराज महारक श्री बिजय देव सूरिभिः स्वपद प्रतिष्टिताचार्य श्री श्री श्री श्री विजय सिंह सूरि प्रमुख परिकर परिवृतैः॥
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संवत १६७७ वर्षे वैशाख मासे अक्षय तृतीया दिवसे श्री मेडता वास्तव्य अ. ज्ञा. समदडिआ गोत्रीय सा० माना मा० महिमादे पुत्र सा० रामाकेन भ्रातृ राय संगच्छात मा० केसरदे पुत्र जईतसी रूपमीदास प्रमुख कुटुब युतेन श्री मुनि सुव्रत विंवं का० प्र० सपा गच्छे अहारक श्री पं श्री विजय सेन सूरि पहालङ्कार H० श्री विजय देव सूरि सिंहैः।
(715) सं० १६७७ ज्येष्ट बदि गुरौ श्री मोसलवाल ज्ञातीय गणधर चोपड़ा गोत्रीय स० कचरा आर्या कउडिमदे चतुरगद पुत्र स० अमरसी मा० अमरादे पुत्ररत्न स० अमीपालेन पितृव्य चांपसी वृद्ध भातृ स० आसकरण लघु भातृ कपरचन्द स्वभार्या अपूर वदे पु० गरीबदासादि परिवारेण श्री अजितनाथ वि. का. प्र. वृ० खरतर गच्छाधीश्वर श्री जिनराज रि सूरिचक्रवर्ति ॥
(780) पह प्रभाकरै श्री अकबर साहि प्रदत्त युग प्रधान पद प्रवरैः प्रति वर्षापाढीया प्टाहिकादि पामोसिका अमारि प्रवर्तकैः श्री-तं तीर्थोदधि मीनादि जीव रक्षकः श्री शत्रूजयादि तीर्थकर मोचकैः । सर्वत्र गोरक्षा कारकैः पंचनदी पीर साधकैः युग प्रधान श्री जिन चन्द्र सूरिभिः आचार्य श्री जिन सिंह सूरि थी समय राजोपाध्याय ॥ वा हंस प्रमोद वा० समय सुन्दर वा० पुण्य प्रधानादि साधु युतैः ।