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( १८६ ) भगिनी सुश्राविका वोरा नाम्न्या स्वयसे श्री अजित नाथ विंबं कारित प्रतिष्ठित श्री चतुर्विशति जिन बिंबं प्रतिष्ठित श्री वृहत्खरतर गच्छे श्री जिन देव सूरि तत्प श्री जिनहंस सूरि तत्पहालङ्कार विजयमान श्रीजिनचंद्र सूरिभि सकल संघेन पूज्यमान आचन्द्रार्क नन्दतात् शुभं भवतु ॥
कडलाजी का मंदिर।
(781 )
संवत १९८४ वर्षे माघ शुदि १० सोमे सघ हरषा मा० मीरा दे तत् पु० संघवो जसवंत मा. जसवंत दे तत्पुत्र सं० अचलदाससं० शामकरण कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे भहारिक श्री विजय चंद्र सूरिभिः।
महावीरजी का मंदिर।
( 782 ) सं० १६५३ वर्षे वै० शु०४ घुधे श्री शांतिनाथ विवं गादहीआ गोत्रे सं० सुरताण भा• हर्षमदे पु० स० हांसा भा० लाडमदे पु० पदमसी कारितं प्रतिष्ठतं श्री तपागच्छे श्री हीर विजय सूरि पह श्री विजयसेन सूरिभिः ॥ पं० विनय सुन्दर गणिः प्रणमति । श्री रस्तु ॥
(783)
॥ॐ ॥ संबस १६८६ वर्षे वैशाख सु०८ महाराज श्री गजसिंह विजयमान राज्य श्री मेडता नगर वास्तव्य ओसवाल ज्ञातीय सुराणा गोत्र वाई पूरा नाम्न्या पु० सक