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________________ स्टेज सहित वार्षिक लवाजम रु. २) ग्राहक थवा इच्छनारे पोतानुं नाम, गाम, ठाम शुद्ध अक्षरे लखी मोकलबुं । श्रीयशोविजयजैनग्रन्थमाला. (संस्कृत मासिक पुस्तक ) ___ श्रीयशोविजय जैन ग्रन्थमाळा मासिकमां एक सो पृष्ठ संस्कृत अने प्राकृत साहित्यने माटे रोकवामां आवेछे, जेनी अंदर न्याय, कोश, तथा महाकाव्यना ग्रंथो प्रसिद्ध करवामां आवेछे. पोस्टखर्च साथे वार्षिक लवाजम रु-८) प्रथमथी लेवामां आवे छे. नमूना दाखल काइने अंक मोकलवामां आवतो नथी. विशेषावश्यकभाष्य. बृहद्वृत्तिसहित. पहेलो बीजोत्रीजो अने चोथो भाग दरेक २०० पानानां. जलदी मंगावी ल्यो, व्हेलो ते पहेलो, ग्राहक थनारने दर त्रण त्रण मासे बसो बसो पानानो एक एक भाग मोकलवामां आवशे. संपूर्ण ग्रन्थनी कि० रु. २५) अगाउथीज लेवामां आवे छे. पाछळथी ग्राहक थनार पासेथी रु. ३२) लेवामां आवशे. प्राकृत मार्गोपदेशिका. आ पुस्तक मी० भाण्डारकरनी रीतीने अनुसरि तैयार करवामां आव्यु छे. संस्कृत शिख्या वगर मात्र गुजराती भाषा जाण नाराओ पण आ पुस्तक द्वारा प्राकृत भाषा सारी रीते शिखी शकेछे. की.०-१२-० ___ मलवानुं ठेका'-शाह हर्षचन्द्र भूराभाई, धीर सं-२४३८ दीवाली। अंग्रेजी कोठी, बनारस सिटी.. Dharmabhyudaya Press, Benares City. "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009673
Book TitleShabda Ratnakar
Original Sutra AuthorSadhusundar Gani
AuthorHargovinddas Pandit, Bechardas Doshi
PublisherJain Shwetambar Sangh Rangun Varanasi
Publication Year
Total Pages226
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Dictionary
File Size5 MB
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