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प्रिय
४-१४
पत्र-सूत्रांक निगम
९-६२ निगिन्झिय १९-२५७ निरुक्त निघण्ट
२-९ पइरिक
१२-९२ पठक
१३-९७ पडिम्म्यि
७-५६ पणव पणीयभूमी १६-१२२ पत्तह पत्तन
११-८४ पत्तिय
१८-२३९ परमसौमनसिता २-६,६-५२ पवा
११-८४ पाणिपडिग्गहिय १९-२५३ पायच्छित्त पारए पाराभोग १७-१२७ पारियानिक १५-१११ पिरिपिरिया
३-१४ पिंडवाय १९-२५४ पीठमर्द
९-६२ पीणणिज्ज पुच्छिय? पुरुषादानीय १७-१४८ पूजित
१०-६६ पूरिम
९-६२ पूसमाण १५-१११ पोया
३-१४
शब्द पत्र-सूत्रांक शब्द
पत्र-सूत्रांक पोरेवच्च
मन्त्रिन् प्रमाण
मलय
१३-९७ प्रलम्ब ९-६२
१३-९७ प्रवाल ११-८६, १५-१११ मल्लकिन् ধয়াপ্ত
मशकगृह
६-३३ १४-११० महाढक्का
४-१४ बिब्बोयण
महापथ
११-८४ बुद्धि २-७, ६-५२
महामन्त्रिन् ९-६२ भत्तपडियाइक्स्विय १८-२५० महित
१३-९७ मंमा
माइम्बिक
९-६२ भाण्ड
माण्डविक ४-१७,९-६२ भाण्डपटह
४-१४
मान ७-५३,१३-९७ भारुण्डपक्षिन् १६-११७ माल्य
१२-९५ भिलंगसूब १९-२५७
मुकुट ४-१५, ९-६२ भिसंत भिंगु
२०-२७२ मुखमङ्गलिक १५-१११ मुरवी
९-६२
यान भोगभोग
युग्य
१४-१११ मह ५-३३, १७-२२५ मघ
रज्जुक १६-१२२ मघवं
३-१३ रत्न ११-८६, १५-१११ १३-९७ स्नावली
९-६२ मङ्गल्य
१४-११० राउलियक १५-१११ मञ्जमजणा १५-११३ राजन्य
४-१७ मडम्ब
११-८४ राजन् मणि ११-८६, १५-१११ राज्य ११-८६, १४-१११ मनोज १४-११० राष्ट्र १२-८६, १४-१११ मनोऽम
लक्षण
७-५३
९-६२
मुक्तावली
मेरी भोग
योग्या
"Aho Shrut Gyanam"