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अध्याय - ४
परेऽप्रवीचाराः ॥९॥
सोलहवें स्वर्ग से आगे के देव काम-सेवन रहित हैं। (उनके कामेच्छा उत्पन्न ही नहीं होती तो फिर उसके प्रतिकार से क्या प्रयोजन?)
The rest are without sexual desire.
भवनवासिनोऽसुरनागविद्युत्सुपर्णाग्निवातस्तनितोदधि
द्वीपदिक्कुमाराः ॥१०॥ भवनवासी देवों के दश भेद हैं:- 1. असुरकुमार, 2. नागकुमार, 3. विद्युत्कुमार, 4. सुपर्णकुमार, 5. अग्निकुमार, 6. वातकुमार, 7. स्तनितकुमार, 8. उदधिकुमार, 9. द्वीपकुमार और 10. दिक्कुमार।
The Residential devas comprise Asura, Nāga, Vidyut, Suparņa, Agni, Vāta, Stanita, Udadhi, Duīpa and Dikkumāras.
व्यन्तराः किन्नरकिम्पुरुषमहोरगगन्धर्वयक्षराक्षसभूत
पिशाचाः ॥११॥
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