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अध्याय - ३
जम्बूद्वीपलवणोदादयः शुभनामानो द्वीपसमुद्राः ॥७॥
इस मध्यलोक में अच्छे-अच्छे नाम वाले जम्बूद्वीप इत्यादि द्वीप, और लवणसमुद्र इत्यादि समुद्र हैं।
Jambūdvīpa, Lavaņoda, and the rest are the continents and the oceans with auspicious names.
द्विढिविष्कम्भाः पूर्वपूर्वपरिक्षेपिणो वलयाकृतयः ॥८॥
प्रत्येक द्वीप-समुद्र दूने-दूने विस्तार वाले और पहिले-पहिले के द्वीप-समुद्रों को घेरे हुए चूड़ी के आकार वाले हैं।
(These) are of double the diameter of the preceding ones and circular in shape, each encircling the immediately preceding one.
तन्मध्ये मेरुनाभित्तो योजनशतसहस्रविष्कम्भो
जम्बूद्वीपः ॥९॥
उन सब द्वीप-समुद्रों के बीच में जम्बूद्वीप है, उसकी नाभि के समान सुदर्शन मेरु है, तथा जम्बूद्वीप थाली के समान गोल है और एक लाख योजन उसका विस्तार है।
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