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अध्याय - १
प्रमाणनयैरधिगमः ॥६॥
सम्यग्दर्शनादि रत्नत्रय और जीवादि तत्त्वों का [ अधिगमः] ज्ञान [ प्रमाणनयैः ] प्रमाण और नयों से होता है।
Knowledge (of the seven categories) is attained by means of pramāņa' and naya”.
निर्देशस्वामित्वसाधनाऽधिकरणस्थितिविधानतः ॥७॥
[ निर्देश स्वामित्व साधन अधिकरण स्थिति विधानतः] निर्देश, स्वामित्व, साधन, अधिकरण, स्थिति और विधान से भी सम्यग्दर्शनादि तथा जीवादिक तत्त्वों का अधिगम होता है।
(Knowledge of the seven categories is attained) by description, ownership, cause, resting place (substratum), duration, and division.
सत्संख्याक्षेत्रस्पर्शनकालान्तरभावाल्पबहुत्वैश्च ॥८॥ [च] और [ सत् संख्या क्षेत्र स्पर्शन काल अन्तर भावाल्पबहुत्वैः ] सत्, संख्या, क्षेत्र, स्पर्शन, काल, अन्तर, भाव और अल्पबहुत्व इन आठ अनुयोगों के द्वारा भी पदार्थ का ज्ञान होता है।
pramāņa : comprehensive knowledge * naya : standpoint
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