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वीरसेवामन्दिर - ग्रन्थमालाका चतुर्थ पुष्प
श्रीमदभिनव - धर्मभूषरण-यति-विरचिता
न्याय - दीपिका
238.
[१ण्डित दरबारीलालनिर्मितप्रकाशाख्यटिप्पणादिसहिका ।
जैन म.प्र
मन ज्ञान
सम्पादक और अनुवादक शास्त्राचार्य पण्डित दरबारीलाल जैन "कोठिया" न्यायाचार्य एम० ए०
द्वितीयावृत्ति
१००० प्रति
[ सम्पादक - अनुवादक - श्राप्तपरीक्षा, स्याद्वादसिद्धि, प्रमाणप्रमेयकलिका, श्रध्यात्मकमलमार्त्तण्ड आदि ]
प्राध्यापक – जैन दर्शन, काशी हिन्दू विश्व विद्यालय, वाराणसी ।
प्रकाशक
वीर - सेवा - मन्दिर २१, दरियागंज, दिल्ली ।
श्रावण, वीरनिर्वाण सं० २४९४ विक्रम संवत् २०२५ जुलाई १६६८
'सजिल्द
मूल्य
सात रुपया