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शास्त्रपाठः
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साक्षिग्रन्थः [उपदेशमाला १७८] [लोकप्रकाशः ३०/६२३] [उपदेशरहस्यः ९] [उपदेशमाला ७४] [दशवैकालिकसूत्रम् ९/१/१,२] [पुष्पमाला ४०५] [विशेषावश्यकभाष्यवृत्तिः २५११] [कल्पसूत्रवृत्तिः] [चन्द्रकवेध्यकप्र. ४१] [पुष्पमाला ४०४] [पुष्पमाला ८६] [वीतरागस्तोत्रम् ४/४] [योगशास्त्रम्] [नन्दिसूत्रवृत्तिः] [प्रवचनसारो० वृत्तिः ७२] [प्रशमरतिप्र. वृत्तिः ७१] [प्रशमरतिप्र. ७१] [गुरुतत्त्वविनिश्चयः १-८] [षड्दर्शनसमुच्चयः १५] [बृहत्कल्पभाष्यम् २४१] [पुष्पमाला प्र. २३०]
१४६ तिव्वयरे ३ पओसे १४७ तीर्थं नाम श्रुतज्ञानं १४८ तेसिं अवंकगामी परिणामो १४९ थद्धा च्छिद्दप्पेही १५० थंभा व कोहा व १५१ दव्वाइ सद्दहंते १५२ दशपुरं नाम नगरम् १५३ दश वैमानिकाः १५४ दसविहवेयावच्चम्मि १५५ दंसणनाणचरित्ते १५६ दाणं सीलं च तवो १५७ दानशीलतपो १५८ दुर्गतिप्रपतत्प्राणि १५९ दुर्गतिप्रसृतान्जन्तून् १६० दुष्टं हि मनः क्रियमाणं १६१ दुष्प्रतिकारौ-अशक्यप्रत्युपकारौ १६२ दुष्प्रतिकारौ मातापितरौ १६३ दुहगब्भि मोहगब्भे १६४ दृष्टान्तोऽप्यथ सिद्धान्तो १६५ देसकुलजाइरूवी १६६ देसकुलजाइरूवी १६७ धन्नाण चेव गुरुणो १६८ धन्ना ते जीयलोए १६९ धन्यस्योपरि निपतत्य १७० धम्ममइएहिं अइसुंदरेहिं १७१ धम्मम्मि नत्थि माया १७२ धम्मं रक्खइ वेसो १७३ धर्मज्ञो धर्मकर्ता च १७४ ननु मानसनमस्कारतप १७५ नमिऊण जिणवरिंदे
२०३
२९२ ३८-३९
३८ १४१ २०४
१६१ ३६४
[प्रशमरतिप्र. ७०] [उपदेशमाला १०४] [उपदेशमाला ३९३] [उपदेशमाला २२]
[पञ्चाशकप्र. वृत्तिः १] [उपदेशमाला १]