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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra यही है जिंदगी X www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ११०. धारणा पर धीरज के साथ अनुमान... मनुष्य को अनुमान करने की आदत है। वह करता रहता है अनुमान...! चाहे उसके सौ अनुमानों में से दस अनुमान भी सही नहीं निकलते हैं... फिर भी अनुमान करता रहता है ! - अनुमान सही निकलता है, तो खुश होता है, गर्व करता है। अनुमान गलत सिद्ध होता है तो नाखुश होता है, दीन बनता है । - - मेरा यह परिचित है, मेरे प्रति श्रद्धा और स्नेह रखता है, उसने एक दिन मुझसे कहा : ‘मेरा अनुमान है कि मैं आनेवाले चातुर्मास में आठ दिन के उपवास कर सकूँगा।' परंतु चातुर्मास के बाद जब वह मिला, मुझे मालूम हुआ कि उसका अनुमान गलत निकला था । २४४ परंतु जब अनुमान के विषय में गहराई में जाकर सोचता हूँ, तो लगता है कि हर मनुष्य के जीवन में अनुमान जुड़ा हुआ है। हर व्यक्ति अनुमान करता है। - जिन्दगी है तो अनुमान है ! - जीवन के विषय में तो मनुष्य अनुमान करता ही है, मृत्यु के विषय में भी अनुमान करता है ! - 'मुझे लगता है कि मेरी ... इस वर्ष में मौत होगी । ' मुझे लगता है कि... इतने वर्ष के बाद मैं करोड़पति बनूँगा ।' ‘मेरा अनुमान है कि शादी होने के बाद लड़का सुधर जायेगा।' 'मेरी ऐसी धारणा है कि लड़का बड़ा डॉक्टर होगा और लाखों रुपये कमायेगा। हमारी (माता - पिता की) सेवा करेगा ।' 'मेरा अनुमान है कि इस डॉक्टर की दवाई से मेरा दर्द दूर होगा...' - ऐसे अनेक अनुमान मनुष्य करता रहता है, परंतु कितने अनुमान सही निकलते हैं ? 'मेरा यह मित्र तो मुझे कभी धोखा नहीं देगा ।' और मित्र ने धोखा दिया... वह घोर निराशा में डूब गया । For Private And Personal Use Only
SR No.009641
Book TitleYahi Hai Jindgi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2009
Total Pages299
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size3 MB
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