________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
यही है जिंदगी
'आज भले ही वह सत्य को स्वीकार नहीं करे, भविष्य में करेगा... समय -काल पर छोड़ दो उसे... जब उसकी आत्मा योग्यता संपादन करेगी, सत्य को स्वीकार कर लेगी।'
दूसरी बात : जो बात भगवान महावीर स्वामी अपनी शिष्या को... अपनी पुत्री प्रियदर्शना को नहीं समझा पाए, महान श्रावक सद्दालपुत्र ने उस सिद्धांत को समझा दिया! आज मैं उसको सच्ची बात नहीं समझा सकता हूँ, कोई चिंता नहीं, सत्य समझाने में दूसरा कोई निमित्त बनेगा! अब मैं ऐसा आग्रह नहीं रखूगा कि मेरी बात उसको माननी ही चाहिए। किसी दूसरे से भी वह सच्ची बात मानेगा तो भी मुझे प्रसन्नता होगी।
मन का समाधान हो गया! व्यवधान दूर हो गया! सत्य का संविधान मिल गया! धर्मध्यान लग गया!
For Private And Personal Use Only