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५९. भक्ति की शक्ति ६०. 'अहं' का वहम छोड़ें ... ६१. खुदा को खुद ही रूबरू देखना है . ६२. लगाव नहीं अलगाव रखें ६३. सपने देखो... मगर सच्चे-सच्चे ६४. रूप-अनुरूप की धूप ... ६५. दाँव पर सब कुछ लगा दो. ६६. करुणाभरी कामना । ६७. अध्यात्म यानी क्या?. ६८. भीतर का सिंगार करो . ६९. झगड़ा देखने का .................... ७०. याद करो... फरियाद मत करो ७१. अब पछताए क्या होय? ७२. दुःख की जड़ आसक्ति ............ ७३. दंभ एक ग्रंथि है ...... ७४. करुणा माँगें... परमात्मा की .. ७५. मुझको निर्भय होना है.. ७६. निर्दभ बनने के लिए निरपेक्ष बनना जरूरी ७७. संबंध जब शोषण करते हैं ७८. वीतरागी की लगन लगाएँ .. ७९. अनजान क्या आत्मीय नहीं हो सकते? ८०. वर्तमान में जीना सीखो ८१. जीवन तेरे रूप अनेक .. ८२. आसक्ति से बचते रहना ८३. मोक्ष कहाँ है? क्या है? ८४. ओफ्फोह! ये क्या हो रहा है? .. ८५. वहाँ नहीं, यहाँ देखें! ८६. आनंदमय जीवन हो . ८७. अपने को ऊँचाइयों पर पहुँचना है .. ८८. जीवन-सफर आनंद से परिपूर्ण हो.
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