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- अनुक्रम
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१. किसी को समझाने से पहले उसे समझो २. आँसूभरी अभ्यर्थना ...... ३. तुम्ही तुम्हारे निर्माता.. ४. सबके साथ दोस्ती ..... ५. शुक्लध्यान का रास्ता : धर्मध्यान के महल में ६. मिलन और जुदाई, रहे सदा नहीं भाई!.. ७. स्वयं को जगाने का पर्व
८. जापा
का पारमाका...................
९. केवल देखना है... केवल जानना है! .................. १०. दृश्य एक... दृष्टि अनेक... द्रष्टा अनेक... ११. तृप्ति के तीर पर .................. १२. राग की आग बड़ी खतरनाक. १३. श्रद्धा का सहयोग १४. अपेक्षा तैरा भी दे... गिरा भी दे.. १५. बाहर भोगी : भीतर योगी बाहर योगी : भीतर भोगी .......... १६. होना मुझ को निबंधन १७. अविनाशी के अनुरागी होना ... १८. देखो... मगर परदा उठाकर .... १९. सब कुछ 'स्व' में है ... २०. श्रमण जीवन की सार्थकता .... २१. सिद्धशिला पर जाना है . ............ २२. खिला दो कमल, कृपासिंधु! ........ २३. जन्म-मरण मिटेंगे कब? २४. सुखों की याद नहीं, दुःखों की फरियाद नहीं.................... २५. संवादिता की शहनाई २६. यौवन को उजियारा दो! ..... २७. स्वमान सम्हालिए .... २८. प्रीत, एक परमात्मा के साथ ....................
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