________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
होता है यह सब! उस समय मन शांत रहना चाहिए | मन का समाधान होना चाहिए। ये सब पूज्य मेरे हित के लिए ही कहते हैं, उनके हृदय में मेरे प्रति प्रेम है... वात्सल्य है...।' उनकी सेवा-भक्ति में जरा सी भी क्षति नहीं आनी चाहिए। ऐसा भक्ति भाव, उत्कृष्ट शातावेदनीय कर्म के बंध में कारण बनता है। वही कर्म जीव को निरंतर आरोग्य का सुख देता है।
उत्कृष्ट शातावेदनीय कर्म बाँधना है तो क्षमाशील बनना पड़ेगा। जितना क्रोध कम, उतनी क्षमा ज्यादा। दूसरों के अपराधों को महत्व नहीं देते हुए, नगण्य करने होंगे। हृदय को शांत बनाए रखना होगा। जितना समय क्षमा से हृदय शांत रहता है, उतना समय शातावेदनीय कर्म बँधता रहता है।
वैसे, संसार के सभी दुःखी जीवों के प्रति करुणा रहती है हृदय में - 'इन सभी जीवों के सभी प्रकार के दुःख दूर हो... मेरा चले तो मैं सभी जीवों के दुःख दूर करूँ..' तो शातावेदनीय कर्म बँधता रहता है, श्रेष्ठ क्वालिटी का बँधता है। वैसे, जब-जब तू दुःखी के प्रति करुणा से प्रेरित हो, भोजन देता है, वस्त्र देता है, आवास वगैरह देता है, तू शातावेदनीय बाँधता है। __ पापी जीवों के प्रति भाव-करुणा से प्रेरित हो उनको पाप-त्याग का उपदेश देता है, धर्ममय जीवन जीने का मार्गदर्शन देता है, तो शातावेदनीय कर्म बाँधता है।
इस प्रकार द्रव्य करुणा और भाव करुणा से जो शातावेदनीय कर्म बँधता है (पुण्य कर्म) उसके फलस्वरूप शरीर का आरोग्य तो मिलता ही है, साथ-साथ, शारीरिक और मानसिक सुख देनेवाला परिवार मिलता है। माता, पिता, भाईबहन, पत्नी-पुत्र... मित्र वगैरह की ओर से सुख और शांति ही मिलती रहती है। __ चेतन, यदि तू गृहस्थ जीवन में अणुव्रतों का पालन करता है और मैं साधुजीवन में महाव्रतों का पालन करता हूँ - तो अपना शातावेदनीय कर्म बँधता है। जितने अंशों में व्रतपालन में क्षतियाँ होती हैं, दोष लगते हैं, उतने अंशों में अशातावेदनीय कर्म बँधता है। अपने आसपास देखते हैं न कि एक व्यक्ति कई वर्षों से निरोगी है, अचानक वह बीमार हो जाता है, हॉस्पिटल में ले जाना पड़ता है... एक-दो महीना बीमारी रहती है, पुनः वह निरोगी बनता है...! फिर वर्ष के बाद बीमार हो जाता है... दस/पंद्रह दिन बीमारी भोगता है... रोग सताते हैं उसको... पुनः ठीक हो जाता है....। होता है न ऐसा? इसका कारण यह है...
७०
For Private And Personal Use Only