________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५६
ललना
पत्र ८ श्री सुपार्श्वजिन वंदिए
सुख-सम्पत्तिनो हेतु.... ललना शांत सुधारस-जलनिधि
भवसागरमां सेतु..... ललना ।।१।। सात महाभय टालतो
सप्तम जिनवर देव.... सावधान मनसा करी
धारो जिनपद सेव.... ललना ।।२|| शिव शंकर जगदीश्वर
चिदानन्द भगवान.... ललना जिन अरिहा तीर्थंकर
ज्योतिस्वरुप असमान.... ललना ।।३।। अलख निरंजन वच्छलु
सकल जंतु विशराम.... ललना अभयदान-दाता सदा
पूरण आतमराम.... ललना ।।४।। वीतराग मद-कल्पना
रति-अरति-भय-सोग.... ललना निद्रा-तंद्रा-दुरंदशा
रहित अबाधित योग.... ललना ।।५।। परमपुरुष परमातमा
परमेश्वर परधान.... ललना परम पदारथ परमेष्ठि
परमदेव परमान.... ललना ||६|| विधि विरंचि विश्वंभर
हृषिकेश जगन्नाथ....
ललना
For Private And Personal Use Only