________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
प्रवचन-८८
__१६० की, बदनाम करने की भावना रखना, बहुत बुरा काम है। पराभव करने के लिए अन्यायपूर्ण तरीकों को अपनाना... अधम से अधम काम है। ऐसे कार्य करनेवालों का मन सतत अशान्त, उद्विग्न और भयभीत रहते हैं। उनके परिवार के लोग भी परेशान रहते हैं। कभी कभी तो ऐसे षड्यंत्रों में पूरा परिवार नष्ट हो जाता है। पारिवारिक संबंध नष्ट हो जाते हैं। अभिनिवेश किसी भी परिस्थिति में उपादेय नहीं है। इससे कोई लाभ नहीं है। सद्गृहस्थ के जीवन में यह होना ही नहीं चाहिए।
अभिनिवेश का मूल ईर्ष्या है। जिसके प्रति ईर्ष्या पैदा होती है उसका पराभव करने की इच्छा होती है। शक्ति नहीं हो और पराभव नहीं कर सके, वह बात दूसरी है। शक्ति एवं संयोग मिलने पर क्या पराभव करना छोड़ोगे? पेथड़शाह की बात : __ मांडवगढ़ के राजा श्री राम की रानी कदंबा, पट्टरानी लीलावती के प्रति ईर्ष्या से जल रही थी। कदंबा लीलावती का पराभव करना चाहती थी, लीलावती के व्यक्तित्व को गिराना चाहती थी। राजा का लीलावती के प्रति ज्यादा प्रेम था, ज्यादा लगाव था, यह बात कदंबा से सहन नहीं होती थी। लीलावती का सुख उससे देखा नहीं जाता था। लीलावती के चरित्र को गिराने की युक्ति वह खोजती रही। एक दिन उसको अवसर मिल गया। लीलावती को बुखार आया था। वैद्यों के उपचारों से बुखार नहीं उतर रहा था। महामंत्री पेथड़शाह की पत्नी पद्मश्री से लीलावती की मैत्री थी। पैथड़शाह ब्रह्मचर्य का मन-वचन-काया से पालन कर रहे थे। पेथड़शाह के प्रभुपूजन के वस्त्र, उसके ब्रह्मचर्य-व्रत के पालन से प्रभावशाली बने हुए थे। वह पूजा की शाल पद्मश्री ने लीलावती को दी थी। वह शाल ओढ़कर लीलावती सोई हुई थी। कदंबा को यह बात मालूम हो गई थी। उसने राजा के कान भर दिये। 'महाराजा, आपको तो महामंत्री और लीलावती पर पूरा भरोसा है... उन दोनों पर आपका सम्पूर्ण विश्वास है, परन्तु आप जानते नहीं, उन दोनों में कैसी प्रेमलीला चल रही है। महामंत्री की शाल ओढ़े बिना तो लीलावती को नींद नहीं आती है... देखना हो तो जाकर प्रत्यक्ष देख लें।'
लीलावती ने महामंत्री की जो शाल ओढ़ी थी, वह शाल राजा ने ही महामंत्री को भेंट की हुई थी। राजा ने शाल को पहचान लिया । राजा के हृदय में रानी के प्रति और महामंत्री के प्रति घोर तिरस्कार पैदा हुआ। रानी को देशनिकाला दे दिया। महामंत्री के साथ बोलने का व्यवहार बंद कर दिया।
For Private And Personal Use Only