________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१७६
प्रवचन-१३ कोई पाप नहीं है। वह तो मणिरथ को मात्र जेठ ही नहीं मानती है, पितातुल्य समझती है। युगबाहु के मन में भी कोई शंका नहीं है। उसके हृदय में तो मणिरथ के प्रति बहुत सद्भाव है। ये निर्दोष पति-पत्नि कैसे जान सके मणिरथ के मन की दुष्टता को? छल का सहारा :
मणिरथ कामवासना से जल रहा है। हालाँकि वह कुँवारा नहीं है, उसके अन्तःपुर में रानी है, परन्तु इससे क्या? कामी विकारी मनुष्य अपनी पत्नी में ही सन्तुष्ट होता तो रावण के अन्तःपुर में कौन-सी कमी थी? हजारों रानियाँ थीं, फिर भी सीताजी के पीछे रावण पागल बना था। मणिरथ ने अपनी एक विश्वासपात्र दासी के द्वारा अपना संदेश भेजा मदनरेखा के पास । दासी ने आकर मदनरेखा से कहा : 'देवी, अपने महाराजा तुम्हारे गुणों के अनुरागी बने हैं, तुम्हारे प्रति उनके हृदय में बहुत प्रेम है। उन्होंने कहलाया है कि 'हे चन्द्रमुखी, तू मेरी भार्या बन जा, मुझे पति रूप में स्वीकार ले...और मेरी पट्टरानी बन जा ।' मदनरेखा खड़ी हो गई। द्वेष... भय और विषाद से उसका मन भर आया | उसने दासी से कहा : तू जाकर महाराजा को कहना कि 'हे राजन, स्वस्त्री में सन्तुष्ट हो। परस्त्री की अभिलाषा भी मनुष्य को दुर्गति में ले जाती है, तो फिर परस्त्री के साथ भोग करनेवालों की नर्कादि दुर्गति में कैसी भयानक दुर्दशा होती होगी, यह बात सोचना । आप तो मेरे श्वसुरतुल्य है, मेरे पितातुल्य हैं, आपको ऐसा पाप-विचार करना भी नहीं चाहिए।' मदनरेखा का मनोमंथन :
मदनरेखा ने बड़ी स्वस्थता से प्रत्युत्तर दिया। हालांकि उसके मन में अत्यन्त उद्विग्नता थी, फिर भी दिमाग को स्वस्थ रखते हुए, दक्षता से प्रत्युत्तर दिया । दासी के जाने के पश्चात मदनरेखा ने सोचा : यह बात मैं युगबाहु से कहूँ या नहीं? ऐसी गंभीर बात से उनको अपरिचित नहीं रखना चाहिए। कल कुछ अनहोनी हो जाए तो वे क्या सोचेंगे? 'मुझ से मदनरेखा ने ऐसी बात क्यों छिपाई होगी?' हालाँकि मेरे प्राण चले जाएँ तो भी मैं राजा की प्रार्थना स्वीकार नहीं करूँगी, परन्तु सत्ता के आगे... अपहरण... बलात्कार...' विचार करते-करते मदनरेखा के मन में घबराहट फैल गई। मन में आया कि 'युगबाहु को बात बता दूं, उनको सावधान कर दूँ।' परन्तु जब उसकी प्रतिक्रिया के विषय में मदनरेखा सोचने लगी तो वह रूक गई।
For Private And Personal Use Only