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इस तरह प्रभुजी के अंगुष्ठ में पूजा करें। गुरु गौतम स्वामीजी की केशर पूजा।
शासन के अधिष्ठायक सम्यग्दृष्टि देव-देवियों के मस्तक पर अँगूठेसे तिलक करना चाहिए। प्रभुजी की पूजा करने के बाद सिद्धचक्रजी की तथा सिद्धचक्रजी की पूजा करने के बाद प्रभुजी की पूजा कर शकते है। प्रवचन मुद्रा वाले गणधर भगवंतों की करने के बाद उसी केशर से सिद्धावस्था वाले गणधर भगवंतों की तथा सिद्धचक्रजी की पूजा नहीं करनी चाहिए। शासनदेव-देवी
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